भागीरथी इको सेंसेटिव जोन मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक आयोजित

देहरादून-मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश की अध्यक्षता में उनके सचिवालय सभागार में भागीरथी इको सेंसेटिव जोन मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में जिलाधिकारी उत्तरकाशी मयूर दीक्षित ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से इको सेंसेटिव जोन में चल रहे पर्यावरण संरक्षण, बाढ़ प्रबंधन, वनीकरण, जैव विविधता संरक्षण तथा सड़क, पेयजल आपूर्ति, सॉलिड वेस्ट निस्तारण, आर्गेनिक उत्पादन इत्यादि विकासात्मक कार्यों का प्रेजेन्टेशन दिया साथ ही लोक निर्माण विभाग, वन विभाग, सिंचाई विभाग, जल संस्थान, पेयजल निगम आदि विभागों ने भी अपने-अपने विभागीय कार्यों की प्रगति से अवगत कराया।
बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समिति के गैर सरकारी सदस्य भी जुड़े हुए थे, जिन्होंने पर्यावरण और विकास के बीच बेहतर सामंजस्य बढ़ाने तथा पर्यावरण के मानकों का बेहतर अनुपालन करते हुए विकासात्मक कार्यों को गति देने के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव भी साझा किये।
मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग को सड़क निर्माण व सड़क सुधारीकरण कार्यों के दौरान उत्पन्न होने वाले मग/कंपोजिट का पर्यावरण मानकों के अंतर्गत निस्तारण करने के निर्देश दिये।
उन्होंने भागीरथी इको सेंसेटिव जोन में भरवाड़ी से गोमुख वाले सड़क मार्ग के कार्यों के दौरान उत्पन्न मग के उचित निस्तारण का प्लान भी पूछा।
मुख्य सचिव ने पेयजल निगम और जल संस्थान द्वारा सीवर संयोजन के कार्यों की प्रगति को आशाजनक नहीं बताते हुए कहा कि जो सीवर संयोजन का कार्य अवशेष रह गया है उसकी प्रगति तेजी से बढ़ायें क्योंकि जल शक्ति मंत्रालय के निर्देशानुसार इन क्षेत्रों में 80 प्रतिशत तक सीवर संयोजन होना जरूरी है।
उन्होंने सिंचाई विभाग को नदी के बीच डिपोजिट हुए आरबीएम/अतिरिक्त मटीरियल हटाने और नदी के तटों की बाढ़ सुरक्षा संबंधित कार्यों को एनजीटी के प्रावधानों के अधीन करने के निर्देश दिये। इसके लिये उन्होंने किसी साइंटिफिक एक्सपर्ट की मदद लेते हुए कार्य करने पर जोर दिया। मुख्य सचिव ने वन विभाग को निर्देशित किया कि इको सेंसेटिव क्षेत्रों के साथ अन्य कई ऐसे क्षेत्रों में जहाँ पर वनीकरण (फॉरेस्टेशन) का कार्य किया जाता है, वहाँ पर वनीकरण में स्थानीय स्पेसिज (प्रजाति) का ही रोपण करें जिससे अन्य स्थानीय वनस्पति के साथ ही सामंजस्य बना रहे और सभी प्रकार की वनस्पति संतुलित रूप से सर्वाइव हो सके।
मुख्य सचिव ने इस क्षेत्र को पूरी तरह से ऑर्गेनिक बनाने के लिये ऑर्गेनिक उत्पादों के उत्पादन में बेहतर परिणाम हासिल करने के लिये बायो ऑर्गेनिक बोर्ड से भी जरूरी तकनीकी हेल्प लेने को कहा। इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जल संरक्षण से संबंधित कार्यों को भी प्राथमिकता से लेते हुए मनरेगा से भी इन कार्यों को करवाने को कहा तथा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, बायोवेस्ट मैनेजमेंट का बेहतर प्लान बनाते हुए उसे अमल में लाने को कहा। उन्होंने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को भी निर्देशित किया कि गैर सरकारी सदस्यों की ओर से आज प्राप्त हुए सुझावों को भी प्लान में शामिल करें तथा विभिन्न विकासात्मक कार्यों की विजिट बनाने का भी प्लान बनायें।
इस दौरान वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से गैरसरकारी सदस्य सह अध्यक्ष हेम पाण्डेय व अन्य सदस्यों ने ऐसे छोटे-छोटे बिन्दुओं पर समिति का ध्यान आकर्षित किया जिससे धरातल पर कार्य करते समय पया्रवरण के मानकों का बेहतर अनुपालन हो सकता है तथा प्रर्यावरण और विकास के मध्य बेहतर सामंजस्य स्थापित हो सकता है।
इस दौरान बैठक में प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण आनन्द वर्द्धन सहित समिति के सरकारी व गैर सरकारी सदस्य वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे।

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