देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में आज सचिवालय में तीन महत्वपूर्ण समझौते किये गये। उत्तराखण्ड सरकार, सेतु आयोग और टाटा ट्रस्ट ने सामाजिक विकास के क्षेत्रों में कार्य के लिए समझौता किया गया। उत्तराखण्ड को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत का प्रमुख कौशल केंद्र बनाने की दिशा में सेतु आयोग, उच्च शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग और नैस्कॉम/आईटी-आईटीईएस सेक्टर स्किल काउंसिल के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
उत्तराखण्ड को उभरती टेक्नोलॉजी और छात्रों के रोजगारपरक व्यक्तित्व विकास के लिए कौशल विकास केंद्र बनाने के लिए भी सेतु आयोग, उच्च शिक्षा विभाग और वाधवानी फाउंडेशन के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। उत्तराखण्ड में सामाजिक और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए टाटा ट्रस्ट के साथ 10 साल के लिए किए गए समझौते के तहत जल प्रबंधन, पोषण, टेलीमेडिसिन, ग्रामीण आजीविका और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम किया जाएगा।
राज्य को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रमुख कौशल केंद्र बनाने के लिए नैस्कॉम के साथ हुए समझौते के तहत राज्य के सभी सरकारी और निजी उच्च शिक्षण संस्थानों में कोर्सेस को शैक्षणिक क्रेडिट के साथ शामिल किया जाएगा। प्रत्येक जिले में एक मॉडल कॉलेज को ‘मेंटर संस्थान’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इसका उद्देश्य राज्य के लगभग 1.5 लाख छात्रों को फ्यूचर स्किल्स प्राइम प्लेटफॉर्म के माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी, पायथन, जनरेटिव जैसे क्षेत्रों में जानकारी और कौशल विकास करना है।
उत्तराखण्ड को उभरती टेक्नोलॉजी और छात्रों के रोजगारपरक व्यक्तित्व विकास के लिए कौशल विकास केंद्र बनाने हेतु वाधवानी फाउंडेशन के साथ तीन वर्षों के किए समझौता किया गया। इसके तहत राज्य के सभी सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों में कोर्सेस को अगले सत्र से शैक्षणिक क्रेडिट के साथ शामिल किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य राज्य के लगभग 1.20 लाख छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित व्यक्तित्व विकास और स्वरोजगार सम्बंधित कौशल विकास में सहायता प्रदान करना है।
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सामाजिक विकास राज्य को डिजिटल टैलेंट का केन्द्र बनाने और एआई आधारित व्यक्तित्व विकास के आधुनिक कोर्स प्रारंभ करने के लिए आज हुए तीनों समझौते राज्य के लोगों के लिए अत्यधिक उपयोगी होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा समाज के अंतिम छोर के लोगों को ध्यान में रखते हुए योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। राज्य के समग्र विकास के लिए हर क्षेत्र और वर्ग के लोगों को साथ लेकर अनेक नई पहल की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये समझौते उत्तराखण्ड में आधुनिक कौशल से परिपूर्ण मानव संसाधन को तैयार करने और राज्य को आधुनिक एआई व साइबर सिक्योरिटी हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। एआई अधारित पाठ्यक्रम राज्य के युवा छात्रों को रोजगारपरक कौशल बढ़ाने और 21वीं सदी के लिए सॉफ्ट स्किल विकास की दिशा में कारगर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने राज्य में किये गए इन तीन महत्वपूर्ण समझौतों के लिए टाटा ट्रस्ट, नैस्कॉम और वाधवानी फाउन्डेशन का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राज शेखर जोशी, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सीईओ सेतु आयोग शत्रुघ्न सिंह, टाटा ट्रस्ट के सीईओ सिद्धार्थ शर्मा, नैस्कॉम स्किल काउंसिल की सीईओ श्रीमती अभिलाषा गौड़, वाधवानी फाउन्डेशन के एक्जीक्यूटिव वीपी सुनील दहिया, उच्च शिक्षा सचिव रंजीत सिन्हा, सचिव श्रीमती राधिका झा, नितेश झा, चन्द्रेश यादव, वी षणमुगम, सी. रविशंकर उपस्थित रहे।