उत्तरकाशी, (भाषा) बचाव अभियान के दसवें दिन मंगलवार को सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के सकुशल होने का पहला वीडियो सामने आने के बाद उनके बाहर निकलने की बाट जोह रहे उनके परिवारों की उम्मीदें बढ़ गयी है।.
अधिकारियों ने बताया कि छह इंच की पाइपलाइन के जरिए श्रमिकों तक खिचड़ी भेजने के कुछ घंटों बाद बचावकर्मियों ने उसी पाइप से तड़के उन तक एंडोस्कोपिक फ्लैक्सी कैमरा भेजा जिससे उनके सकुशल होने का वीडियो मिला। यह कैमरा सोमवार देर शाम दिल्ली से सिलक्यारा पहुंचा।.
हांलांकि, बचावकर्मियों को पहली कामयाबी सोमवार को मिली जब उन्होंने मलबे के आरपार 53 मीटर लंबी छह इंच की पाइपलाइन डाल दी। इसी पाइपलाइन के जरिए सुरंग में एंडोस्कोपिक फ्लैक्सी कैमरा डाला गया।
वीडियो में पीले और सफेद रंग के हेलमेट पहने श्रमिक पाइपलाइन के माध्यम से भेजा गया भोजन प्राप्त करते हुए और एक-दूसरे से बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इससे बचावकर्मियों के साथ ही इन श्रमिकों और उनके परिवारों का मनोबल भी बढ़ा है।
एक स्क्रीन पर श्रमिकों को देख रहे अधिकारियों को उन्हें निर्देश देते सुना जा सकता है । अधिकारी उन्हें लेंस साफ करने और उन्हें कैमरे पर देखने को कह रहे हैं । अधिकारी उनसे पाइपलाइन के मुंह के पास आने तथा वॉकी—टॉकी का प्रयोग करने के लिए भी कह रहे हैं।
श्रमिकों के रिश्तेदार अब तक उनसे चार इंच के पाइप के जरिए बात कर रहे थे जिससे उन्हें, खाना, पानी, दवाइयों और आक्सीजन की आपूर्ति भी की जा रही थी ।
लेकिन छह इंच की चौड़ी पाइपलाइन डाले जाने से संचार के बेहतर होने के साथ ही दलिया, खिचड़ी, कटे हुए सेब और केले जैसी खाद्य सामग्री भी बड़ी मात्रा में भेजी जा सकती है।
इस पाइपलाइन के जरिए सोमवार रात को श्रमिकों तक खिचड़ी भेजी गयी। खिचड़ी को चौड़े मुंह वाली प्लास्टिक की बोतलों में पैक कर श्रमिकों तक पहुंचाया गया। बचाव अभियान में जुटे सुरक्षा कर्मचारी निपू कुमार ने कहा कि संचार स्थापित करने के लिए पाइप लाइन में एक वॉकी-टॉकी और दो चार्जर भी भेजे गए।
सुरंग में फंसे श्रमिकों में शामिल अपने देवर प्रदीप किस्कू की कुशल क्षेम जानने के लिए बिहार के बांका से सिलक्यारा पहुंची सुनीता हेम्ब्रम ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया, ‘मैंने उनसे सुबह बात की। नए पाइप से उन्हें संतरे भेजे गए हैं। वह ठीक हैं ।
हेम्ब्रम ने कहा कि नए पाइप के जरिए श्रमिकों से बातचीत में आसानी हुई है । उन्होंने कहा, ‘इससे पहले हमें उन्हें अपनी आवाज सुनाने के लिए चिल्लाना पड़ता था लेकिन आज उनकी आवाज स्पष्ट थी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को लगातार दूसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी ली
धामी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी को श्रमिक बंधुओं से एंडोस्कोपिक फलैक्सी कैमरे की मदद से हुई बातचीत एवं उनकी कुशलता की भी जानकारी दी ।’’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह भी कहा है कि सभी श्रमिक भाइयों को सुरक्षित निकालना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। दीवाली वाले दिन हुए सुरंग हादसे के बाद से प्रधानमंत्री ने चौथी बार मुख्यमंत्री से बात की है।
अमेरिकी ऑगर मशीन के शुक्रवार दोपहर को ड्रिलिंग के दौरान कठोर सतह से टकराने के कारण बचाव अभियान में आई अड़चन के बाद अधिकारियों ने इसका संचालन दोबारा शुरू करने सहित पांच विकल्पों पर एक साथ काम करने का फैसला किया, जिसमें सुरंग के बड़कोट छोर से ड्रिलिंग, सुरंग के उपर से 80 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग तथा सुरंग के बाएं और दाएं से ड्रिलिंग शामिल है।
विभिन्न स्थानों पर ड्रिलिंग शुरू करने के लिए भारी मशीनें मौके पर पहुंचा दी गयी हैं । सुरंग के उपर से ड्रिलिंग के लिए 75 टन वजनी मशीन पहुंचाने के लिए सड़क भी बना दी गयी है।
इस बीच, सरकार ने दिल्ली में एडवाइजरी जारी कर निजी टेलीविजन चैनलों से बचाव अभियान की खबरों को लेकर संवेदनशील रहने के लिये कहा है ।