देहरादून:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह के अभिभाषणों के संकलन पर आधारित पुस्तक ‘आत्मा के स्वर’ का विमोचन किया। यह पुस्तक राज्यपाल द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों, उत्सवों, दीक्षान्त समारोह आदि के 108 प्रमुख सम्बोधनों का संकलन है। कार्यक्रम के दौरान राजभवन में विभिन्न क्रियाकलापों में अपनायी जाने वाली बेस्ट प्रेक्टिसेज पर आधारित लघु फिल्म ‘‘देवभूमि में कर्तव्य पथ पर दो वर्ष’ को प्रदर्शित किया गया। इस फिल्म में राज्यपाल के दो वर्षों के कार्यकाल में हुई अभिनव पहलों और कार्यों को प्रदर्शित किया गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने राज्यपाल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि जब एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी कोई पुस्तक लिखता है तो समझा जा सकता है कि उसका हृदय भाव और भावनाओं से किस प्रकार भरा हुआ होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि “महान संकल्प ही महान फल का जनक होता है“, और उन्हें लगता है, ऐसा ही महान संकल्प अपनी पुस्तक ’’आत्मा के स्वर’’ लिखते समय हमारे राज्यपाल ने लिया होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस आत्मा-परमात्मा की चर्चा होती है, उस आत्मा का स्वर भी है, लेकिन उसे सुनने के लिए एक विशेष खूबी चाहिये। इस खूबी को सुनकर ही राज्यपाल महोदय द्वारा ’’आत्मा के स्वर’’ पुस्तक लिखी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल की कार्यशैली एवं अनुशासन हमें प्रेरणा देने का कार्य करती है। आत्मा के स्वर पुस्तक विकल्प रहित संकल्प के साथ हमें राज्य के विकास में निरंतर कार्यरत रहने की भी प्रेरणा प्रदान करेगा।