देहरादून, (भाषा) उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को कहा कि इस वर्ष प्रदेश में अतिवृष्टि के कारण प्राकृतिक आपदाओं में कुल 111 लोग मारे गए हैं, जबकि 45,650 परिवार प्रभावित हुए हैं।.
यहां जारी राज्य विधानसभा सत्र के दूसरे दिन शून्य काल में विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाए गए आपदा के मुददे पर जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि इस वर्ष प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं में अब तक 111 लोगों की मृत्यु हुई है जबकि 72 लोग घायल हुए हैं।.
उन्होंने बताया, “वर्तमान तक आपदा से 45,650 परिवार प्रभावित हुए हैं जिन्हें अब तक 30.40 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की गयी है । सबसे ज्यादा 35,400 परिवार हरिद्वार जिले में प्रभावित हुए जिन्हें अब तक 18.97 करोड़ रुपये की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है।”
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के विभिन्न आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में क्षति के आंकलन और सर्वेक्षण का काम जारी है।
अग्रवाल ने कहा कि आपदा से निपटने के लिए जिलाधिकारियों को 301 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
मंत्री ने बताया कि प्रदेश के दोनों मंडलों–गढ़वाल और कुमांउ में एक-एक हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई है और इनके माध्यम से आपदा ग्रस्त क्षेत्रों से 500 प्रभावित लोगों को सकुशल बाहर निकाला गया है।
भूधंसाव ग्रस्त जोशीमठ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 150 प्रभावित परिवारों को अब तक 33.50 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है जबकि 296 अन्य प्रभावित परिवार राहत शिविरों में रह रहे हैं ।
उन्होंने बताया कि जोशीमठ के लिए 1792 करोड़ रुपये का भारत सरकार से अनुरोध किया गया था ।
मंत्री ने चमोली में मल-जल शोधन संयंत्र में बिजली का करंट फैलने की घटना का भी जिक्र किया और कहा कि घटना में मारे गए 16 मृतकों को पांच-पांच लाख रुपये की धनराशि दी गयी है जबकि प्रधानमंत्री की ओर से उन्हें दो-दो लाख रुपये दिए गए हैं ।
उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी की ओर से कराई गयी जांच के आधार पर दोषी कंपनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के अलावा उनकी 1.10 करोड़ रुपये की गारंटी जब्त की गयी है और उन्हें अगले 15 साल तक के लिए उत्तराखंड में किसी भी प्रकार के कार्य के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।
इससे पहले, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य सहित विपक्षी सदस्यों ने आपदा का मुददा उठाते हुए राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह इससे गंभीरता से निपटने में विफल रही है ।