उत्तराखण्ड: केदारघाटी में अतिवृष्टि के चलते हुए नुकसान, रेस्क्यू कार्यों और यात्रा को दोबारा शुरू करने को लेकर चल रही तैयारियों की समीक्षा करने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज रुद्रप्रयाग पहुंचे। उन्होंने रेस्क्यू एंड रिलीफ ऑपरेशन से संबंधित आधिकारी-कर्मचारियों की समीक्षा बैठक ली। इससे पहले पहले उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया। मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक के दौरान यात्रा मार्ग से जुड़े सभी विभागों की समीक्षा करते हुए बारिश के चलते हुई क्षति की जानकारी ली। वहीं, सभी विभागों को यात्रा शुरू करने के लिए उनके स्तर से किए जा रहे प्रयासों एवं तैयारियों की जानकारी ली। मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि अतिवृष्टि से 29 स्थानों पर भूस्खलन की चपेट में आने से पैदल व सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त पेयजल व विद्युत लाइनों सहित बड़ी मात्रा में सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा। कुछ स्थानों पर दूरसंचार की सेवाएं भी बाधित हुई हैं।
उन्होंने बताया कि अतिवृष्टि की घटना के बाद से ही जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित अन्य संस्थाओं एवं जनप्रतिनिधियों, पंडा समाज, तीर्थ पुरोहित, धार्मिक व सामाजिक सरोकारों से जुड़े संगठनों ने मिलकर इस आपदा में पूरे मनोयोग से अभिनव प्रयास कर रेस्क्यू अभियान से फंसे हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का कार्य किया है। उन्होंने यात्रा शुरू करने के लिए किए जाने वाले कार्यों में भी स्थानीय लोगों के सुझाव और सहायता लेने के निर्देश जिलाधिकारी को दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिकॉर्ड समय में 12 हजार से अधिक यात्री और स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया गया है। रेस्क्यू अभियान लगभग पूर्ण हो चुका है। इसके बाद सरकार व जिला प्रशासन का ध्यान अतिवृष्टि से प्रभावित हुए जनजीवन, प्रभावित क्षेत्र तथा जो सड़क मार्ग भूस्खलन की चपेट में आए हैं उन्हें दुरुस्त करने पर है। इसके साथ-साथ वैकल्पिक मार्गों पर भी फोकस किया जा रहा है।
इसके अलावा राज्य सरकार पूरे घटनाक्रम पर पैनी नजर रखे हुए है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रामपुर जीएमवीएन में स्थानीय लोगों से संवाद के दौरान कठिन परिस्थितियों में प्रशासन और सरकार के साथ कंधा से कंधा मिलाकर रेस्क्यू अभियान में योगदान देने के लिए सभी को धन्यवाद दिया। वहीं, चौमासी प्रधान मुलायम सिंह सहित रुद्रप्रयाग प्रधान संगठन के अध्यक्ष सुभाष रावत, केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी सहित राहत कार्यों में सहयोग देने वाले अन्य लोगों का विशेष धन्यवाद दिया। इस अवसर पर उन्होंने प्रभावितों की सभी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार का आभार जताते हुए कहा कि अतिवृष्टि के बाद से ही केंद्रीय सरकार द्वारा चिनूक व एमआई 17 हेलीकॉप्टर सहित हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई गई।
इसके अलावा केदारघाटी में आई अतिवृष्टि के बाद राज्य सरकार द्वारा भी हर तरह से राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जिला प्रशासन को तत्परता से सर्च व रेस्क्यू ऑपरेशन करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने जनपद प्रभारी मंत्री सहित स्थानीय विधायक, जनप्रतिनिधियों एवं सभी विभागीय अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि आपदा के बाद सामान्य जनजीवन के लिए सभी को आगे आकर सामूहिक योगदान देने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि श्री केदारनाथ धाम की यात्रा को पुनः संचालित करने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। श्री केदारनाथ धाम की यात्रा बुधवार से हेली के माध्यम से पुनः संचालित हो जाएगी। हेली सेवा के माध्यम से केदारनाथ दर्शन करने पहुंच रहे श्रद्धालुओं को किराए में 25 प्रतिशत छूट दी जाएगी। जिसका वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
इस अवसर पर पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव लोक निर्माण विभाग पंकज पांडेय, सचिव आपदा विनोद सुमन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रप्रयाग श्रीमती अमरदेई शाह, विधायक रुद्रप्रयाग भरत चौधरी, राज्यमंत्री चंडी प्रसाद भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष महिला मोर्चा भाजपा श्रीमती आशा नौटियाल, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।