भारतीय सेना के सैन्य कौशल और पराक्रम का इतिहास महार रेजिमेंट के बिना पूर्ण नहीं हो सकता: मुख्यमंत्री

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्यमंत्री सेवक सदन में 15 महार रेजिमेंट के 54 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित सम्मान समारोह में रेजिमेंट के पूर्व सैन्य अधिकारियों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बचपन में पिताजी से महार रेजिमेंट के वीर सैनिकों की शौर्य गाथाओं के बारे में सुनकर उनके मन में उत्साह और उमंग की भावना पैदा होने लगती थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बचपन सेना के साथ बीतने के कारण उन्होंने जीवन में अनुशासन फौज से ही सीखा है। आपसी सद्भाव व सम्मान व सहयोग की भावना हमारी सेना की पहचान है। इस अवसर पर अपने स्व. पिता को याद कर मुख्यमंत्री भावुक नजर आये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज वह सेना में तो नहीं हैं परन्तु वीर सैनिकों को अपना आदर्श मानकर राष्ट्र सेवा में अपना यथासंभव योगदान देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के सैन्य कौशल और पराक्रम का इतिहास महार रेजिमेंट के बिना पूर्ण नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हमारे प्रत्येक सैनिक की वीरता, साहस और बलिदान पर हर एक नागरिक को गर्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महार रेजिमेंट का प्रत्येक सैनिक भारत की महान संस्कृति व गौरवशाली सैन्य परंपरा का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में सेना का मान और सम्मान बढ़ा है। हमारे वीर सैनिक अब दुश्मन को उसके घर में घुस कर जवाब दे रहे हैं। जब भी दुश्मन ने ललकारा है भारत ने उसे मुंह तोड़ जवाब दिया है। भारत वैश्विक मंचों पर पूरी दृढ़ता और अपने हितों को सर्वोपरि रखते हुए अपनी बात रख रहा है। आज सेना के आधुनिकीकरण को भी एक नया आयाम दिया जा रहा है और डिफेंस सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और उनके द्वारा सैनिकों को दिए जा रहे प्रोत्साहन के कारण ही आज हमारी सेना पहले से कई गुना अधिक सशक्त है और सीमाएं पहले से कहीं अधिक सुरक्षित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 21 वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। उत्तराखण्ड को आदर्श एवं अग्रणी राज्य बनाने के लिये हम निरंतर प्रयासरत हैं। प्रदेश में बेहतर सड़कों का विकास, औद्योगिक एवं पर्यटन क्षेत्रों के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। जौलीग्रांट एवं पंतनगर हवाई अड्डों का विस्तार किया जा रहा है। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन शीघ्र ही पहाड़ों में रेल पहुंचाने का सपना साकार करने वाली है। राज्य का आर्थिक विकास हो इस दिशा में भी प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में आयोजित किये गये वैश्विक निवेश सम्मेलन से इसके और अधिक मजबूत आधार तैयार करने में मदद मिली है। हमारा प्रदेश सैन्य पृष्ठभूमि का प्रदेश है। सैनिकों के कल्याण के लिये राज्य सरकार द्वारा अनेक कल्याणकारी कदम उठाये गये हैं। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, पूर्व सैन्य अधिकारी सू.मे. प्रद्युम्न सिंह, आ. कै. सूरज मणि, कै. भानी चंद, सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।

 

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